देहरादून। डोईवाला विधानसभा की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर आज अखिल भारतीय पंचायत परिषद के संयोजक व पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मनीष कुमार ने कहा की डोईवाला सरकारी अस्पताल के पीपीपी मोड़ को निरस्त कर जनता के हित के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाये। डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मोड से मुक्त किया जाए व पुनः सरकार अपने स्तर से इसका संचालन करें। जिससे स्थानीय लोगों को ठीक प्रकार से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो सके।
इस अवसर पर मनीष कुमार ने कहा कि डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मोड से मुक्त किया जाए व पुनः सरकार अपने स्तर से इसका संचालन करें। जिससे स्थानीय लोगों को ठीक प्रकार से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो सके। डोईवाला स्वास्थ्य केंद्र जबसे पीपीपी मोड पर दिया गया है तब से इस अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है यहां अल्ट्रासाउंड ,एक्स-रे व जरूरी लेब जांचे भी ठीक से नहीं हो पा रही हैं मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं प्राइवेट डॉक्टरों का व्यवहार भी मरीजों के प्रति ठीक नहीं रहता है। जिन सुविधाओं के देने की बात को लेकर इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर किया गया है वह सुविधा आज तक इस अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल पाई है सप्ताह में एक दिन अल्ट्रासाउंड किया जाता है जिससे कि गर्भवती महिलाओं समेत अन्य बीमारी के मरीजों को बाहर से महंगे दामों पर अल्ट्रासाउंड करना पड़ रहा है जिससे कि गरीब आदमी पर अधिक आर्थिक भार पड़ रहा है। इस अस्पताल में रोजाना सैकड़ों की ओपीडी की जाती है जिससे यहां समुचित इलाज ना मिल पाने के कारण गरीब लोग झोलाछाप डॉक्टरों के झांसे में फंस रहे हैं और गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं यदि इस अस्पताल में सुविधाएं व स्पेसलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए तो यहां की जनता को लाभ होगा और वह झोलाछाप डॉक्टरों के झांसे में भी आने से बचेंगे कोरोना महामारी के दौरान भी मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी लेकिन इस अस्पताल में एकमात्र सरकारी डॉक्टर को छोड़कर किसी अन्य स्पेशलीस्ट डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई नाही सरकार या विधायक ने इस अस्पताल को कोई फंड दिया है जिससे कि यहां मरीजों को अच्छी सुविधाएं मिल पाए। पीपीपी मोड से पहले यहां विभिन्न प्रकार की जनरल सर्जरी की जाती थी लेकिन वह सब ठप पड़ी है जिस कारण लोगों को छोटे-छोटे ऑपरेशन के लिए भी हजारों रुपए प्राइवेट अस्पतालों में देने पड़ रहे हैं इसलिए आम आदमी की समस्या को देखते हुए इस अस्पताल में जनरल सर्जन बाल रोग विशेषज्ञ महिला रोग विशेषज्ञ आदि डॉक्टरों की तत्काल तैनाती की जाए जिससे की आम जनता को राहत मिल पाए। डोईवाला के साथ साथ ही इसी विधानसभा के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्र के एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थानों में भी 24 घंटे आकस्मिक सेवाएं सहित इसका उच्चीकरण किया जाए जिससे कि दर्जनों पर्वतीय गांव को स्वास्थ्य लाभ मिल पाए। क्षेत्र की आबादी लाखों की संख्या में है और गरीब जनता प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज कराने में सक्षम नहीं है अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है व कृषि ही इनका प्रमुख व्यवसाय है जिससे वह अपनी जीविका चलाते हैं और जब वह प्राइवेट अस्पताल में मजबूरन इलाज के लिए जाते हैं तो वह अथाह पैसा मांगते हैं जिसको देने में जनता सक्षम नहीं है वह उन्हें इलाज नहीं मिल पाता। मनीष कुमार ने मांग करी की अविलंब इन समस्याओं का निस्तारण किया जाए अन्यथा कार्यकर्ता व क्षेत्रीय जनता एकजुट होकर सरकार व स्वास्थ्य विभाग के विरुद्ध वृहद आंदोलन करेंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। कार्यवाहक अध्यक्ष व पूर्व राज्यमंत्री नवीन जोशी ने कहा कि अगर शीघ्र ही हमारी मांगों पर सरकार व विभाग ने कार्यवाही नहीं करी तो हम धरना, प्रदर्शन व रैलियां करने को मजबूर होंगे। सरकार को चाहिए कि वह स्वास्थ्य से संबंधित सभी समस्याओं को तत्काल दूर करें और क्षेत्र की जनता को अच्छा व सस्ता इलाज मुहैया कराए, मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है जिसको यह पूरा करने में विफल रहे हैं। कोरोना महामारी से इन्हें सबक लेना चाहिए और गरीब जनता की स्वास्थ संबंधी सभी समस्याओं को दूर करना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश सचिव पीयूष गॉड ,बिजेंदर कनौजिया, युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव जहांगीर खान, अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा, विकी नायक, अनीश कौशल,कॉंग्रेस नेता महेश जोशी, तेहस।न अहमद, अनुराग, श्रीमति दीपा चौहान आदि उपस्थित थे।